Tuesday, December 2, 2008

कोई तो है जो हर पल ही

कोई तो है जो हरपल ही हमारे साथ रहता है
हमारे साथ हँसता है हमारे साथ रोता है

कभी खामोश रातों में मुझे आवाज देता है
किसी ख्वाबों की दुनिया में मुझे फ़िर ले के जाता है

न आती नींद है जब रात की बेचैन करवट में
थपकियाँ दे दे के मुझको कोई गाकर सुलता है

तनहइयो में जब कभी आंसू बहाता हूँ
पोछकर अश्क मेरे वो मेरे गम को भुलाता है

वो अपना है मेरा अपना मुझे अहसास होता है
मेरे हर गम में बढ़के हाथ मेरा थाम लेता है

की उसके दिल की हर धड़कन मुझे महसूस होती है
की जैसे मेरे सीने में ही उसका दिल धड़कता है