Tuesday, December 2, 2008

फूलो में बसी खुशबु सा

फूलों में बसी खुशबू सा दिल में बसा कोई
हाथों में रची मेहंदी सा प्यारा सा है कोई

दिल के हजार परदों में छुपकर है रख लिया
मेरी उम्मीद मेरी जिन्दगी अरमान सा कोई

तन्हाई में चुपचाप उससे बात होती है
भवरों की गुनगुनाहट की आवाज सा कोई

हवाओ में खुशबु की तरह वो घुला सा है
मेरी जिन्दगी के हसींन ख्वाब सा कोई

मेरे वजूद में ऐसे छुपा छुपा सा है
दिल में किसी मीठे से अरमान सा कोई

सहराओं में कोई हसींन फूल सा खिला
मन की दुनिया में बजता मीठा सा साज सा कोई