कोई तो है जो हरपल ही हमारे साथ रहता है
हमारे साथ हँसता है हमारे साथ रोता है
कभी खामोश रातों में मुझे आवाज देता है
किसी ख्वाबों की दुनिया में मुझे फ़िर ले के जाता है
न आती नींद है जब रात की बेचैन करवट में
थपकियाँ दे दे के मुझको कोई गाकर सुलता है
तनहइयो में जब कभी आंसू बहाता हूँ
पोछकर अश्क मेरे वो मेरे गम को भुलाता है
वो अपना है मेरा अपना मुझे अहसास होता है
मेरे हर गम में बढ़के हाथ मेरा थाम लेता है
की उसके दिल की हर धड़कन मुझे महसूस होती है
की जैसे मेरे सीने में ही उसका दिल धड़कता है