Tuesday, December 16, 2008

हवाओं में ऐसी

हवाओं में ऐसी खुशबु पहले कभी न थी
ये चाल उसकी बहकी पहले कभी न थी

जुल्फ ने खुलके उसका चेहरा छुपा लिया
घटा आसमा पे ऐसी पहले कभी न थी

ऑंखें तरस रहीं हैं दीदार को उनके
दिल में तो ऐसी बेबसी पहले कभी न थी

फूलों पे रख दिए हैं शबनम ने कैसे मोती
फूलों पे ऐसी रौनक पहले कभी न थी

यादों की दस्तकों ने दरे दिल को खटखटाया
आती थी याद पहले पर ऐसी कभी न थी


में