Monday, November 10, 2008

देखा तुम्हे तो

देखा तुम्हें तो आंख में तुमको छुपा लिया
जैसे युगों की प्यास ने दरिया छुपा लिया

आँचल तेरा उडा तो फूल रंग पा गए
बाकि बचे जो रंग तितलियों ने पा लिया

खुशबू का कोई झोंका लाई हवा अभी
जुल्फें खुली तो आस्मा को घटाओ ने छा लिया

जो दिल के जख्म है उन्हें अश्को की प्यास है
निगाहें उठी उनकी लगा मरहम को पा लिया

क्यो भूलकर करेंगे फिक्र मेरे गम का वे
किया मैंने जुर्म तो गमो. को पा लिया