skip to main
|
skip to sidebar
Kusum Sinha's Sahitya Page
Thursday, November 6, 2008
परीचय
मैं हूँ कुसुम सीन्हा ।
मैं भारत में जन्मी हूँ और अभी अमरीका में रहती हूँ।
Newer Post
Home
Followers
Blog Archive
►
2010
(5)
►
February
(5)
►
2009
(2)
►
March
(1)
►
January
(1)
▼
2008
(20)
►
December
(7)
▼
November
(13)
कैसे टूटे दिल के रिश्ते
जिन नयनो से
कितने महलों को बनाकर
कैसी थीं अंधियारी रातें
मन में कोई टीस
कोई तो है
ऐसे तुम मुझको
जी तो करता है
देखा तुम्हे तो
लगता है बसंत फ़िर
जिंदगी भर
गमों की भीड़ से
परीचय
About Me
Kusum Sinha
View my complete profile