जी तो करता है कोई ख्वाब बाँहों में भर लें
लेकिन उड़ जाते हैं पल में हम उनको क्या बोलें
छोटे छोटे ख्वाब आए अपने ना हुए
कैसे बड़े ख्वाबों को हम दिल में पालें
लोग अकसर ही बदल जाते हैं मौसम की तरह
किस पर विश्वास करें और किसे अपना बोलें
प्यार का समंदर सा लहराता है जिनके लिए
क्या कसूर उनका जब हम ही न जुबां खोलें
जब से चाहा है उन्हें नींद न आई हमको
जी तो करता है उनकी बाँहों में जीभर सोलें